अपने पास रखा है
एक छोटे से कमरे में
उन्हें छिपा रखा है
|जब भी वे चमकें
रौशनी करें
केवल मेरे ही लिए हो
किसी और का सांझा न हो
सांझा चूल्हा मुझे नहीं भाता
मन अशांत कर जाता
मन अशांत कर जाता
तभी तो एकाकीपन मैंने
सम्हाल कर रखा
बड़े यत्न
से
सदुपयोग उसका किया
एकांत पलों को भी जीना
सीख लिया है
अब परिवर्तन नहीं चाहती
एकांत का महत्त्व जान गयी
अपूर्व शान्ति पाते ही
कुछ सोच उभरते हैं
जिनके अपने मतलब होते हैं
यह अदभुद प्रयास
है नमूना एक
सार्थक जीवन जीने का |