08 मार्च, 2017

मैं अदना सा तिनका


जब जब जल बरसता 
सड़क नदी बन जाती
चाहे जो बहने लगता
तैरने डूबने लगता
पर मैं अदना सा तिनका
 बहाव के संग बहने लगता
चीख चिल्लाहट बच्चों का रोना
सभी दीखता सामने
 मैं नन्हां सा तिनका
बहते बहते सोच रहा
क्या होगा भविष्य मेरा
जैसे सब डूब रहे हैं
मेरा भी हश्र कहीं
उन जैसा तो न होगा
यदि जलमग्न हुआ
क्या से क्या हो जाऊंगा
अभी तो बेधर हुआ हूँ
फिर मिट्टी में मिल जाऊंगा |
आशा





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