27 दिसंबर, 2016

स्वागत नव वर्ष का

 
 
नूतन वर्ष ने फिर से 
दी है दस्तक दरवाजे पर 
नवल सोच नव विचार
 लाएगा आनेवाला कल |
आज रात नाचें गाएं 
जी भर कर खुशियाँ बाँटें 
यही यादें तो रह जाएंगी 
बीते कल  में सिमट कर |
बाद में जब भी सोचेंगे 
उनपर दृष्टिपात करेंगे 
समस्त चित्र समक्ष होंगे 
मन में सजा लेने को |
नवल किरणों से सुसज्जित 
नव वर्ष का सूरज होगा 
उल्लास लिए विचार होंगे 
उदासी का नामों निशाँ न होगा|
हिलमिल कर स्वागत करें 
नववर्ष के आगमन का 
नव विचार आत्मसात करें 
 समरिद्धि का आग़ाज करें |
 
आशा