03 अक्तूबर, 2016

वह मां है तेरी



वह है माँ तेरी
हर समय फ़िक्र तेरी करती
छोटी बड़ी बातें तेरी
उसके मन में घर करतीं
वह जानती तेरी इच्छा
पूरी जब तक नहीं होती
बेफ़िक्र नहीं हो पाती
सुबह से शाम तक
वह बेचैन ही बनी रहती
उसकी ममता तू क्या जाने
जब तक न हो एहसास तुझे
मां का मन कैसा होता 
जब तू हंसती है 
निहाल वह तुझ पर होती
तेरे अश्रु देख 
मन उसका दुखी होता 
तू नहीं जानती
मन मॉम के जैसा होता 
तभी पिघलने लगता है
आठ आठ आंसू रोता है  
जब कष्ट में तू होती है |
आशा


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