23 नवंबर, 2014

माँ पर चंद हाईकू |





वह दुलार
नहीं है निराधार
है पता मुझे |

रिश्ता मधुर
माता की ममता सा
नहीं दूसरा |

मन पंछी सा
पहुंचा माँ के पास
नहीं उदास |

हाथ पकड़
चलना सिखाया था
मेरी माता ने |

ममतामयी
गरिमामयी वह
मेरी जननी |

ममता माँकी
वह क्या जान पाए
जो बच्चा नहीं |
आशा

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