18 जून, 2014

मानव दानव हुआ




 


कण कण धरा का
हुआ रक्त रंजित
होते व्यभिचारों से
संवेदनाएं मर गईं
लोगों के व्यवहारों से
ना कोइ रिश्ता
सच दीखता
मानव दानव हुआ
 बुद्धिहीन व्यवहार उसका
शर्मसार कर गया |
आशा

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