15 जून, 2014

गाँव छोटा सा




ग्राम छोटा सा
मरकत डिब्बे सा
अभिनव था |

गाँव की गौरी
सिर पर गगरी
छलक रही |

वृक्षों की छाँव
चतुष्पद धूमते
जल अभाव |

घिरे बदरा
हुआ आसमा स्याह
वर्षा आई ना|

कच्चे झोंपड़े
हरियाली के बीच
मेरे गाँव के |

मवेशी खड़े
प्रहरी चौराहे के
राह में अड़े |

आशा

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