06 मार्च, 2014

साधना का उत्तंग शिखर



साधना का उच्च शिखर
 दूर दिखाई देता
वहां पहुँच साधना करना
 सरल नहीं लगता |
पहुँच मार्ग खोजा भी
 पर कंटकों से भरा
दो कदम आगे बढ़ते
लहूलुहान होते
     समझाने की कोशिश करते
इतना सरल नहीं
 उस ऊंचाई को छूना|
पर मन को हार
 स्वीकार नहीं
की संचित शक्ति 
उसी मार्ग पर चलने की |
पक्षियों से साहस लिया
 खुले अम्बर में उड़ने का
फिर भी हारे थके पंथी से
कई बार रुके
काश  मध्य मार्ग मिलता 
 शिखर पर जाने का |
उत्सुकता जागी
 उसे पाने की
अन्य मार्ग कोइ न था
 बहुत देर से जाना । 
प्रयत्न कभी विफल नहीं होते
विफलता मार्ग दिखाती
 आगे बढ़ने की चाहत
और अधिक बढ़ जाती |
वही बनी   मेरी प्रेरणा 
  आधा मार्ग तय भी किया
पर उत्तंग शिखर पर
  परचम ना फैला पाया ।
यही बात मुझे सालती है
फिर भी हिम्मत नहीं हारी है 
मिशन सफल हो 
आशा अभी बाक़ी है |
आशा


27 टिप्‍पणियां:

  1. उत्तर
    1. धन्यवाद अरुण जी |पर साधू साधू का अर्थ समझाइए |

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  2. अब तो एवरेस्ट तक पहुँचने के लिये चंद कदम का फासला ही बाकी है ! हर रोज तो आगे बढ़ रही हैं ! मंज़िल भी मिल ही जायेगी ! शुभकामनायें ! प्रेरित करती बहुत सुंदर रचना !

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    उत्तर
    1. संतुष्टि तो तब ही होगी जब मंजिल मिलेगी |

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  3. सूचना हेतु धन्यवाद राजेन्द्र जी |

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  4. बहुत सुन्दर प्रेरक भाव लिए रचना..
    :-)

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  5. कल 07/03/2014 को आपकी पोस्ट का लिंक होगा http://nayi-purani-halchal.blogspot.in पर
    धन्यवाद !

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  6. सुंदर ,सार्थक और प्रेरक रचना आशाजी .........मिशन तो सफल होना ही है.....और आशा तो कभी छोडनी ही नहीं है........

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  7. बहुत सुन्दर प्रस्तुति। । होली की हार्दिक बधाई।

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  8. For large group policies, insurers are required to spend 85 percent on medical care and 15 percent on administrative expenses such as advertising and profit.
    Is it something that is going to be easier to talk about over the phone, rather than face-to-face.
    However, wine certainly isn't for everyone and may cause some medical conditions to worsen.

    My web site ... What is Chlamydia

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