03 फ़रवरी, 2014

हुआ वह दूर क्यूं ?



अनगिनत सवाल
अनुत्तरित रहते
जिज्ञासा शांत न होती
जब मन में घुमड़ते |
अशांत मन भटकता
अस्थिर बना रहता
कहीं टिक न पाता
रहता बेचैन रात दिन |
सोचती हूँ
 यह जन्म मिला ही क्यूं
यदि मिला  भी तो
दिमाग दिया ही क्यूं 
रखा संतोष सुख  से दूर क्यूं ?
रह गयी कमीं सबसे बड़ी
सब कुछ पाया
 पर संतोष धन नहीं |
कहावत खरी न उतरी
संतोषी सदा सुखी
अब यही कष्ट सालता है
हुआ वह दूर क्यूं  ?

18 टिप्‍पणियां:

  1. बेहद उम्दा. उत्कृष्ट साहित्य सृजन के लिए हार्दिक बधाई.
    सादर,
    हिमकर श्याम
    http://himkarshyam.blogspot.in

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  2. उत्तर
    1. टिप्पणी से लिखने के लिए ऊर्जा मिलाती है |

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  3. बहुत ही सुन्दर प्रस्तुति, माँ सरस्वती पूजा हार्दिक मंगलकामनाएँ !

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  4. संतोष धन के बिना सब धन बेकार .. संतोष सबसे बड़ा धन है . सुन्दर अभिव्यक्ति.

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  5. सुंदर रचना ! जब संतोष धन मिल जायेगा हर दुःख दूर हो जायेगा ! बहुत बढ़िया !

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  6. कुछ सवाल यूँ ही रह जाते हैं.. बहुत सुंदर..

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