27 दिसंबर, 2013

हाइकू (४)

(१)
फूल भ्रमर 
प्यार का इज़हार
या उपकार |
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उपकार का
यदि सिलसीला  हो
 कृपण न हो
 (२)
आँखे बरसीं
पहली बारिश सी 
सूखा न रहा |
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रहा अधूरा 
जीवन तेरे बिन 
सूना ही रहा 
(३)
सूना जीवन 
बेरंग तेरे बिना
कुछ भाए ना |
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भाए ना यह 
रंग भरी ठिठोली 
तुम आजाना |
(4)
बिखरी यादें
समेटने की चाह
है गलत क्या|
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क्या बिगड़ता
यदि समझी होती
मन की बात |
(५)
कठिन राह
पहुँच न पाऊंगा
हो चाँद तुम |
(५)
बहती जाती  
नौका मझधार में  
हो पार कैसे |
बहता जल
है तरंगित मन
हरीतिमा सा |
आशा


25 दिसंबर, 2013

गुणों की टोकरी


Photo: ღ A World of Flowers for You ღ

वह नाजुक नन्ही कली
लगती गुणों की टोकरी
हर पुष्प जिसका
सुरभि चहु दिश फैलाता
है किसकी सुगंध अधिक
मन सोच नहीं पाता
और विशिष्ट उसे बनाता |
माता पिता उसे सवारते
विकास में सहयोग करते
रूप रंग गुणों का
बखान करते नहीं थकते |
जो भी संपर्क में आता
बिना कहे न रह पाता
हैं कितने भाग्यशाली
ऐसी सुशीला  को पाया
है धन्य उसकी जननी
गुण संपन्न उसे बनाया
जिस घर की वह शोभा होगी
बड़े  जतन से सहेजेगा
फूलों की टोकरी को
बिखरने नहीं देगा |
आशा |

22 दिसंबर, 2013

हाइकू (३)

(१)
शिक्षा की देन
अभिनव  अनूप 
वह है  यहीं   |
(2)
थे जब साथ
कितना सुहाना था
यह मौसम |
(३)
 मौसम यहाँ
एकसा न रहता
बदल जाता |
(४)
सुर व साज 
मधु रस में घुली 
मीठी आवाज|
(५)
आवाज तुम
हो साज की मिठास
हैं श्रोता हम |
(६)
बहती जाती
नौका मझधार में
पार हो कैसे |
(7)
कैसे मनाऊँ
मैं दिल को अपने
जाना ही नहीं |