05 मार्च, 2012

चंद अल्फाज़ चाहिए

चंद अल्फाज़ चाहिए 
हालेदिल बयां करने को
है तलाश सुर की 
हृदय को टटोलने को
साजिन्दे तो मिल ही जाएगे 
संगत के लिए 
पैर भी थिरकने लगेंगे 
धुन पर संगीत के 
पर खोजती हूँ वह कौना 
एक  ऐसे मन का 
जहां कुछ देर ठहर पाऊं 
बातें अपने दिल की 
सांझा कर पाऊं
चुने हुए अल्फाजों में 
कुछ उसकी सुनूं 
कुछ अपनी कहूँ 
साँसें बोझिल ना रह जाएँ 
अपना मन हल्का कर पाऊं 
उसकी पनाह नें |
आशा

17 टिप्‍पणियां:

  1. चंद अल्फाज़ चाहिए
    हाले-दिल बयां करने को
    है तलाश सुर की
    हृदय को टटोलने को......wah....kya baat hai.

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  2. वाह!
    बहुत सुन्दर प्रस्तुति!
    होली की शुभकामनाएँ!

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  3. जहां कुछ देर ठहर पाऊं
    बातें अपने दिल की
    सांझा कर पाऊं
    चुने हुए अल्फाजों में
    कुछ उसकी सुनूं
    कुछ अपनी कहूँ
    बहुत अच्छी रचना है .बधाई .

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  4. साँसें बोझिल ना रह जाएँ
    अपना मन हल्का कर पाऊं
    उसकी पनाह नें |......वाह! बहुत खुबसूरत एहसास पिरोये है अपने......

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  5. बहुत ही सुन्दर भाव अभिव्यक्ति
    ***होली की शुभकामनाए***

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  6. पर खोजती हूँ वह कौना
    एक ऐसे मन का
    जहां कुछ देर ठहर पाऊं
    बातें अपने दिल की
    सांझा कर पाऊं...
    बहुत सुन्दर अहसास... आभार

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  7. आपकी इस प्रविष्टी की चर्चा आज के चर्चा मंच पर की गई है। चर्चा में शामिल होकर इसमें शामिल पोस्ट पर नजर डालें और इस मंच को समृद्ध बनाएं.... आपकी एक टिप्पणी मंच में शामिल पोस्ट्स को आकर्षण प्रदान करेगी......

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  8. अरे वाह ! लगता है वेलेंटाइन डे की खुमारी अभी उतरी नहीं है ! बहुत सुन्दर लिखा है ! होली की हार्दिक शुभकामनायें !

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  9. वाह आशा माँ बहुत खूब
    चंद अलफ़ाज़ मेरे भी ...जो सिर्फ मेरे लिए हो

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  10. आशा माँ...होली की बहुत बहुत शुभकामनएं

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  11. सुन्दर प्रस्तुति!
    होली की शुभकामनाएँ :)

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  12. बहुत कोमल एहसास लिए रचना !
    होली की ढेर सारी शुभकामनायें !

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